गौ पालन, मत्स्य पालन एवं उद्यानिकी हेतु ऋण
किसान भाई अक्सर आप लोग यह सवाल करते हैं कि हम – पशुपालन , कुकुट पालन, मछली पालन या बागवानी करना चाहते तो हैं लेकिन इसके लिए पूंजी नहीं है | बैंक में लोन न के लिए जाते हैं तो वह मना कर देते है या यह कह देते हैं कि इस तरह की कोई योजना सरकार के द्वारा नहीं चलायी जा रहा है और आप निराश हो कर घर आ जाते है की आप को बैंक कभी ऋण नहीं देगा | किसान समाधान आपको लोन किस तरह लेना है यह जानकरी विस्तार से देगा |
गौ पालन, मत्स्य पालन एवं उद्यानिकी हेतु सहकारी समिति के माध्यम से जिला सहकारी बैंक द्वारा मध्यमकालीन ऋण प्राप्त करने की पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी , पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़े ;-
01. ऋण बैंक के द्वारा समिति को, समिति द्वारा अपने कृषक सदस्यों को दिया जावेगा ।
02. इस योजना के तहत ऋण की अधिकतम सीमा 5,00,000.00 रु. होगी।
03. 1.00 लाख रू. ऋण स्वीकृति हेतु कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना अनिवार्य है। इससे अधिक प्रति लाख ऋण पर 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि तथा अधिकतम 500 लाख रु. ऋण हेतु 5 एकड सिंचित / 15 एकड असिंचित कृषि भूमि होना चाहिए।
04. नाबार्ड / पशुधन विभाग द्वारा अनुदान हेतु अनुशंसा नहीं किये जाने पर प्रति लाख ऋण हेतु कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना चाहिए ।
05. कृषक समिति का नियमित सदस्य होना चाहिए ।
06. कृषक को 5 प्रतिशत अंश राशि स्वयं वहन करना होगा।
07. बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित ब्याज दर लागू होगा।
08. कृषक के द्वारा बीमा प्रीमियम की राशि स्वयं वहन करना होगा।
09. ऋण की समयावधि अधिकतम 5 वर्ष की होगी
10. ऋण आवेदन पत्र के साथ प्रोजेक्ट रिपोर्ट, पशुविभाग की अनुशंसा धारित भूमि का बी-1 पांचसाला खसरा, पटवारी फार्म - सी एवं अन्य बैंकों के द्वारा ऋण नहीं होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 11. ऋणी को एक जमानतदार प्रस्तुत करना होगा जिसके अचल सम्पत्ति का कीमत ऋण राशि से कम नहीं होना चाहिए।
12. गौपालन हेतु शेड स्वयं की निधि से तैयार करना होगा।
13. ऋण का भुगतान दो किश्तो में किया जायेगा। प्रथम किश्त की राशि का भुगतान पशु क्रय की रसीद, पशु का बीमा कृषक का संतुष्टि प्रमाण पत्र एवं पशु का सत्यापन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात विक्रेता को एकाउन्ट पेयी चेक / ड्राफ्ट के माध्यम से किया जावेगा। ऋण के द्वितीय किश्त की राशि 6 माह पश्चात उपरोक्त प्रक्रिया के द्वारा किया जावेगा।
14. कृषक को किश्त अनुसार एकाउन्ट पेयी अग्रिम चेक समिति में प्रस्तुत करना होगा।
15. नियमित किश्त के कालातीत होने पर 3 प्रतिशत दण्ड ब्याज लिया जावेगा।
1 इस योजनांर्गत ऋण की अधिकतम राशि ₹1.50 लाख ऋण स्वीकृत करने की अनुमति है।
2. ₹1.50 लाख में कृषकों को राज्य शासन से सामान्य को 50 एवं अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को 66.66 प्रतिशत अनुदान पशु विभाग में पंजीयन कराने से पात्रता होगी ।
3. कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना अनिवार्य है।
2. इस योजनान्र्गत ऋण की अधिकतम राशि ₹5 लाख होगी।
3. ऋण की समयावधि 1 वर्ष की होगी ।
4. कृषक को ऋण समिति द्वारा दिया जावेगा।
5. समिति का सदस्य होना चाहिए।
6. कृषक के पास कृषि योग्य 2.50 एकड़ भूमि होना चाहिए।
7. स्वयं के तालाब या लीज के तालाब का लीज प्रमाण-पत्र एवं नक्शा प्रस्तुत करना होगा ।
8. कृषक को धारित भूमि का बी-1, पांच साला खसरा एवं फार्म-सी प्रस्तुत करना होगा।
9. अन्य बैंकों में ऋण शेष नही होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
10. ऋणी को एक जमानतदार प्रस्तुत करना होगा जिसके भूमि का कीमत ऋण राशि के बराबर होना चाहिए।
11. ऋण का ब्याज का दर 3 प्रतिशत होगा, तथा ऋण के किश्त का भुगतान अर्द्धवार्षिक करना होगा। 12. ऋण कालातीत होने पर 3 प्रतिशत दण्ड ब्याज देना होगा ।
13. मत्स्य पालन हेतु लघु एवं सीमांत कृषकों को ₹1.00 लाख तक 1 प्रतिशत एवं ₹2.00 लाख से अधिक * 3.00 लाख तक 3 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जावेगा ।
गौ पालन ऋण हेतु आवश्यक नियम एवं शर्ते
01. ऋण बैंक के द्वारा समिति को, समिति द्वारा अपने कृषक सदस्यों को दिया जावेगा ।
02. इस योजना के तहत ऋण की अधिकतम सीमा 5,00,000.00 रु. होगी।
03. 1.00 लाख रू. ऋण स्वीकृति हेतु कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना अनिवार्य है। इससे अधिक प्रति लाख ऋण पर 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि तथा अधिकतम 500 लाख रु. ऋण हेतु 5 एकड सिंचित / 15 एकड असिंचित कृषि भूमि होना चाहिए।
04. नाबार्ड / पशुधन विभाग द्वारा अनुदान हेतु अनुशंसा नहीं किये जाने पर प्रति लाख ऋण हेतु कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना चाहिए ।
05. कृषक समिति का नियमित सदस्य होना चाहिए ।
06. कृषक को 5 प्रतिशत अंश राशि स्वयं वहन करना होगा।
07. बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित ब्याज दर लागू होगा।
08. कृषक के द्वारा बीमा प्रीमियम की राशि स्वयं वहन करना होगा।
09. ऋण की समयावधि अधिकतम 5 वर्ष की होगी
10. ऋण आवेदन पत्र के साथ प्रोजेक्ट रिपोर्ट, पशुविभाग की अनुशंसा धारित भूमि का बी-1 पांचसाला खसरा, पटवारी फार्म - सी एवं अन्य बैंकों के द्वारा ऋण नहीं होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 11. ऋणी को एक जमानतदार प्रस्तुत करना होगा जिसके अचल सम्पत्ति का कीमत ऋण राशि से कम नहीं होना चाहिए।
12. गौपालन हेतु शेड स्वयं की निधि से तैयार करना होगा।
13. ऋण का भुगतान दो किश्तो में किया जायेगा। प्रथम किश्त की राशि का भुगतान पशु क्रय की रसीद, पशु का बीमा कृषक का संतुष्टि प्रमाण पत्र एवं पशु का सत्यापन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात विक्रेता को एकाउन्ट पेयी चेक / ड्राफ्ट के माध्यम से किया जावेगा। ऋण के द्वितीय किश्त की राशि 6 माह पश्चात उपरोक्त प्रक्रिया के द्वारा किया जावेगा।
14. कृषक को किश्त अनुसार एकाउन्ट पेयी अग्रिम चेक समिति में प्रस्तुत करना होगा।
15. नियमित किश्त के कालातीत होने पर 3 प्रतिशत दण्ड ब्याज लिया जावेगा।
डेयरी उद्यमिता
1 इस योजनांर्गत ऋण की अधिकतम राशि ₹1.50 लाख ऋण स्वीकृत करने की अनुमति है।
2. ₹1.50 लाख में कृषकों को राज्य शासन से सामान्य को 50 एवं अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को 66.66 प्रतिशत अनुदान पशु विभाग में पंजीयन कराने से पात्रता होगी ।
3. कृषक के पास 1.00 एकड़ सिंचित / 3.00 एकड़ असिंचित कृषि भूमि होना अनिवार्य है।
मत्स्य पालन
2. इस योजनान्र्गत ऋण की अधिकतम राशि ₹5 लाख होगी।
3. ऋण की समयावधि 1 वर्ष की होगी ।
4. कृषक को ऋण समिति द्वारा दिया जावेगा।
5. समिति का सदस्य होना चाहिए।
6. कृषक के पास कृषि योग्य 2.50 एकड़ भूमि होना चाहिए।
7. स्वयं के तालाब या लीज के तालाब का लीज प्रमाण-पत्र एवं नक्शा प्रस्तुत करना होगा ।
8. कृषक को धारित भूमि का बी-1, पांच साला खसरा एवं फार्म-सी प्रस्तुत करना होगा।
9. अन्य बैंकों में ऋण शेष नही होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
10. ऋणी को एक जमानतदार प्रस्तुत करना होगा जिसके भूमि का कीमत ऋण राशि के बराबर होना चाहिए।
11. ऋण का ब्याज का दर 3 प्रतिशत होगा, तथा ऋण के किश्त का भुगतान अर्द्धवार्षिक करना होगा। 12. ऋण कालातीत होने पर 3 प्रतिशत दण्ड ब्याज देना होगा ।
13. मत्स्य पालन हेतु लघु एवं सीमांत कृषकों को ₹1.00 लाख तक 1 प्रतिशत एवं ₹2.00 लाख से अधिक * 3.00 लाख तक 3 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जावेगा ।