WhatsApp For NEWS & ADS

WhatsApp For NEWS & ADS 9669966214

क्या आप भी तो नहीं कर रहे अवैध धान विक्रय ? जब्त हो सकता है धान ...धान बिक्री में रखे सावधानी ?

छत्तीसगढ़ में 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू हो चुकी है. धान_खरीदी के समय बिचौलिए सक्रिय हो जाते हैं. आये दिन खबर मिलती है की धान बिचौलियों को गिरफ्तार किया है! अवैध धान किया गया जब्त ! धान कटा ही नहीं और बेचने पहुंच गए परिजन! किसान के खाते अवैध धान खपाने की कोशिश!
क्यों आता है इस तरह का मामला ? आगे देंखे पूरी जानकारी !

अवैध धान की विक्रय करने वाले रहे सावधान


क्या होता है ये अवैध धान ?

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भुगतान सीधे किसानों के खाते में कर रही है. किसानों को धान का समर्थन मूल्य मिलने के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में किसानों को सीमावर्ती राज्यों की तुलना में धान की अच्छी कीमत मिल रही है। इसके साथ रहने वाले बिचोलिये किसानो के खाते में अपना धान खपा देतें है , किसानो कुछ बोनस या अन्य पैसो के लालच में आकर अपने पंजीकृत खाते में बिचोलियों के धान की बिक्री के लिए तैयार हो जातें हैं , जबकि किसानो को ये जानकारी नहीं होता की वें अपने पंजीकृत खाते में समस्त रकबा का धान यदि बिक्री नहीं कर पाता है , तब भी कृषक अपने सम्पूर्ण पंजीकृत रकबे में राजीवगांधी न्याय योजना के तहत मिलने वाली बोनस के लिए हक़दार रहता है ! इस तरह सरकारों की कोशिश किसानों को मुनाफा दिलाने की है लेकिन MSP व बोनस का लाभ दुकानदार उठा रहे हैं. एमएसपी की आड़ में मुनाफाखोरी अभी भी जारी है. इस तरह पंजीकृत कृषकों के खाते अन्य व्यक्ति का धान बेचा जाना अवैध माना जाता है !


कृषको के मध्य रहने वाले दलालों से बचाव का प्रयास

विभिन्न दलालों की नजर धान खरीदी में पंजीकृत कृषको के खाते पर रहती है , इसके साथ ही वे मुनाफाखोर लगातार कृषको से संपर्क बना रखते है , जिसे कई कृषक जो अपने खाते में पूर्ण धान किसी कारणवश नहीं बेचते इसका लाभ दलाल उठाते है ! इनके लिए कृषको से प्रतिवर्ष धान बिक्री नहीं कर शेष खाते को लॉक कराने कृषि विभाग /समिति कर्मचारियों द्वारा सहमती पत्र लिया जाता है ! जिससे कृषक जितने रकबे में धान विक्रय नहीं करते वें उक्त धान खरीदी वर्ष के लिए लॉक कर दिया जाता है !
इसके साथ ही विभिन्न निगरानी समिति के माध्यम से दलालों पर नजर रखा जाता है , ताकि कोई कृषक लालच में आकार अन्य व्यक्ति का धान अपने खाते में न बेच पाए , क्योंकि इसका नुकसान किसान को भी उठाना पड़ता है .शिकायत मिलने पर कृषक के खाते लॉक व् धान जब्त कर लिया जाता है . साथ ही क़ानूनी कार्यवाही में भी फंसे रह जाते हैं !

अवैध धान पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन की शिकायतें मिलती हैं, जिस पर कड़ाई से अंकुश लगाने की जरूरत है, जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लें सकें ! छत्तीसगढ़ में पड़ोसी राज्यों के लोग धान की बिक्री ना कर सके इसके पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अवैध धान परिवहन को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. तमाम आईजी और एसपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी तरह से भी दूसरे राज्यों का धान छत्तीसगढ़ में ना आ सके.अवैध धान की आवक रोकने के लिए सूचना तंत्र को सक्रिय करने, बिचौलियों पर निगरानी रखने, गोदामों पर स्टॉक का सत्यापन करने एवं अवैध परिवहन करने वालों पर सख्त कार्यवाही करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

धान की जब्ती से कैसे बचे 

  1. कृषक भाई सबसे पहले दलालों के झांसे में न आये वे चाहे क्यों न वो आपके परिचित मित्र ही क्यों न हो !
  2. ध्यान रखे की आप धान नहीं भी बेचेंगे तो भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बोनस का लाभ मिलेगा , अतः खाता खली होने के डर से अन्य दलालों का धान न बेंचे !
  3. कृषक भाई धान बेचने जाये तो अपने टोकन के साथ ऋण पुस्तिका व आधार कार्ड अवश्य साथ रखे! ताकि किसी भी संदेह की स्थिति में आपका ऋण पुस्तिका का सत्यापन कर लिया जाये ! 
  4. सहखातेदार होने पर सहमति पत्र बनवा कर रखें !

क्या करें यदि आपकी नजर में हो अवैध धान की बिक्री

इस बार छत्तीसगढ़ में धान खरीदारी में अहम बदलाव धान की पारदर्शी खरीदारी करना है। किसानों को माध्यम बना कर धान की अवैध बिक्री कराने वाले बिचौलियों पर शासन की नजर रहेगी। पंजीबद्ध किसान के रकबा के अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान ली जाता है । कलेक्टर की गाइडलाइन और अनुविभगीय अधिकारी की देख-रेख में तहसीलदार व खाद्य निरीक्षकों की निरीक्षण टीम गठित की गया है जो इस तरह की गतिविधि पर नजर रखते है । प्रत्येक उपार्जन केंद्रों पर निगरानी समिति व शिकायत दल का मोबाइल नंबर चस्पा रहता है , जिस पर कोई भी व्यक्ति अवैध बिक्री होने पर किसान सूचित कर सकेंगे।

Post a Comment

0 Comments

Below Post Ad