छत्तीसगढ़ राज्य में भी लगभग आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर है। यहां के अधिकतर लोग अपनी फसलों के लिए वर्षा पर निर्भर रहते है। जिसके कारण से यहां के किसान अपनी कृषि लागत में वृद्धि के कारण से अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं और इसका सीधा असर फसल उत्पादन के उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीक पर पड़ा है। जिसके लिए यह पर्याप्त निवेश भी नहीं कर पाते हैं।
ये भी आपके काम की है
क्या आपके खाते में धान विक्रय की राशि 48 घंटे ज्यादा होने के बाद भी नहीं आया , कही आपका खाता inoperative तो नहीं है , देंखे जानकारीइन सब परेशानी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना (rajivgandhi kisan nyay yojana) लागू की है। यह योजना राज्य के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 21 मई 2020 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर शुरू की गई थी। किसानों को अधिक फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी फसल की सही कीमत दिलाने के लिए इस योजना को बनाया गया है।
इस योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को ₹9000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि किसानो के पंजीकृत खाते मे प्रदान किया जाता है । यह राशि धान ,मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा यदि वर्ष 2021-22 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था और किसान वर्ष 2022-23 मे धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, केला, पपीता आदि की फसल लगाता है या फिर वृक्षारोपण करता है तो इस स्थिति में किसान को ₹10000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को 3 वर्ष तक आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना को प्रदेश के हर एक जिलों में लागू किया गया है। सरकार का कहना है कि इस योजना से राज्य के किसानों को अधिक मुनाफा होगा और राज्य किसानों से आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकेंगे।
इस योजना में किसानों के लिए अधिसूचित फसलों के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है । यह राशि बैंकों के माध्यम से आपके पास 4 किस्तों में आएगी। इस योजना को राज्य के कृषि संचालक और जिला कलेक्टर की देखरेख में संचालित किया जाता है ।
राजीव गांधी न्याय योजना मे पंजीकृत समस्त कृषको को लाभ
राजीव गांधी किसान न्याय योजना उसके उद्देश्य अनुरूप समस्त पंजीकृत ;
- किसानों को उनकी फसल के मुताबिक सही मूल्य दिलाना
- किसानों की आय में वृद्धि करना
- कृषि क्षेत्र के लिए अधिक प्रोत्साहन करना
- राज्य में 19 लाख किसानों को रोजगार देना
- राज्य को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना
उक्त योजना का लाभ उन सभी कृषको को मिल रहा ही जिनहोने इस योजना के अंतर्गत पंजीयन किया है , इनमे से कई कृषक जो पिछले वर्ष मे समर्थन मूल्य मे धान / मक्का का विक्रय बाढ़ सूखा इत्यादि से न कर पाने के बाद भी वे इस योजना का लाभ ले रहे है तथा ओक्टबर 2022 की स्थिति मे अपने खाते मे 2 किश्त की राशि प्राप्त कर चूकें हैं !
यदि किसी भी पंजीकृत कृषक को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ यदि अभी तक नहीं मिला है , और वो धान विक्रय न कर पाने के कारण लाभ नहीं मिलने के संशय मे हो तो वे अपने निकतम कृषि कार्यालय/कृषि विस्तार अधिकारी /सहकारी समिति कार्यालय से अपनी पंजीयन की स्थिति जांच करवा सकते हैं !
ऐसे करें राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) में पंजीकरण
यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो 31 अक्तूबर 2022 के पहले तक आधिकारिक पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और फिर आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों का सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के द्वारा किया जाएगा।
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक अकाउंट होना चाहिए वो भी आधार कार्ड से लिंक हो।
- मोबाइल नंबर
- ऋण पुस्तिका/बी1/खसरा
किसानों को बार-बार पंजीकरण की आवश्यकता नहीं
सरकार की तरफ से यह भी फैसला लिया गया है कि जिन किसानों ने पिछले साल धान विक्रय के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना (rajiv gandhi kisan nyay yojana) में पंजीकरण कराया था। उन सभी किसानों को इस साल 2022-2023 में फिर से दोबारा धान विक्रय के लिए पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन उन्हें खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर और गन्ना उत्पादक किसानों को योजना के अनुसार पंजीकरण कराना होगा। तभी वह इस योजना का फायदा उठा पाएंगे।
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