नैनो यूरिया (तरल) पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने का उत्तम स्रोत है। पौधों की अच्छी बढ़वार एवं विकास में नाइट्रोजन अहम भूमिका निभाता है।
- नैनो यूरिया के देश के अनेक कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषक प्रक्षेत्रों एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में विभिन्न फसलों एवं मृदा जलवायु क्षेत्रों में किए गए परीक्षणों में यह पाया गया है कि यूरिया जैसे पारंपरिक नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के प्रयोग में 50 प्रतिशत तक की कटौती नैनो यूरिया के उपयोग द्वारा की जा सकती है।
- सामान्यतः खेत में डाली गई यूरिया का मात्र 30-50 प्रतिशत भाग ही नाइट्रोजन रूप में फसलों द्वारा उपयोग में आ पाता है। शेष बची हुई यूरिया नाइट्रोजन गैस ( अमोनिया, नाइट्रस ऑक्साइड या नाइट्रेट) के रूप में मिट्टी, वायु और जल को प्रदूषित करती है, जबकि नैनो यूरिया पौधो को 85-90 प्रतिशत उपलब्ध होता है।
नैनो यूरिया के लाभ :
- नैनो यूरिया तरल के परिवहन एवं भंडारण में कम खर्च आता है।
- परम्परागत यूरिया से 10% सस्ता है।
- फसल की पैदावार को प्रभावित किए बिना परम्परागत यूरिया के उपयोग में 50% की कमी की जा सकती है।
- कृषि उत्पाद की गुणवत्ता व पोषकता में वृद्धि ।पर्यावरण को उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाले कुप्रभाव से बचाता है जिससे मृदा, वायु और जल प्रदूषित होने से बच सकें ।
प्रयोग दर एवं विधि :
- विभिन्न फसलों में नाइट्रोजन की आवश्यकतानुसार नैनो यूरिया की 2 4 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर एक से दो बार फसल की क्रांतिक वृद्धि की अवस्थाओं ( कल्ले/ शाखायें निकलने के समय एवं फूल आने से 7-10 दिन पहले) में छिड़काव करें।
- धान की फसल में प्रति एकड़ उपयोग होने वाले यूरिया की आधी मात्रा उपयोग करने के पश्चात शेष आधी मात्रा के स्थान पर नैनो यूरिया की 500 मि.ली. मात्रा का 125 लीटर पानी में घोल बनाकर फूल आने के 7-10 दिन पहले छिड़काव करें।
- नैनो यूरिया के इस घोल में सागरिका तरल की 250 मि.ली. मात्रा को मिलाकर छिड़काव करने से अत्यधिक लाभ मिलता है।
प्रयोग के लिए सामान्य सुझाव :
- प्रयोग करने के पहले बोतल को अच्छी तरह से हिला लें।फ्लैट फैन या कट नोजल वाले स्प्रेयर का प्रयोग कर पत्तियों पर अच्छे से छिड़काव करें।
- छिड़काव सुबह या शाम के समय जब पत्तियों पर ओस के कण ना हों उस समय करें ।यदि छिड़काव के 6-8 घंटे के भीतर वर्षा हो जाए, तब पुनः छिड़काव करें।
- नैनो यूरिया को आवश्यकतानुसार संस्तुत जैव-उत्प्रेरक, शत प्रतिशत। जल - विलेय उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों के साथ मिलाकर भी छिड़काव किया जा सकता है।
- कृषि रसायनों के साथ मिलाकर छिड़काव करने से पूर्व जार टेस्ट अवश्य करें। समस्त सहकारी समितियों एवं इफको उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध।
- अच्छे परिणाम के लिए नैनो यूरिया का प्रयोग निर्माण तिथि से एक वर्ष के अंदर करना चाहिए।
सुरक्षा और सावधानियाँ :
- नैनो यूरिया की उपयोग विधि सरल है।
- यह प्रयोग करने वाले व्यक्ति, पर्यावरण, वनस्पति एवं मृदा में पाए जाने वाले सूक्ष्म एवं अन्य जीव जंतुओं के लिए भी सुरक्षित है।
- नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए नैनो यूरिया का प्रयोग सभी फसलों के लिए उपयुक्त है।
- इसके प्रयोग से नाइट्रोजन उपयोग क्षमता और फसल उत्पादकता में सार्थक वृद्धि होती है।
- नैनो यूरिया पूर्णतः सुरक्षित है, फिर भी सावधानी के लिए फसल पर छिड़काव करते समय मास्क और दस्ताने का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
- इसका भंडारण नमी रहित ठंडे स्थान पर करें और बच्चों एवं पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।