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एकीकृत किसान पोर्टल (Unified Farmer Portal-UFP) के संचालन संबंधी दिशा-निर्देश। पंजीयन फॉर्म डाउनलोड यंहा से करें !

प्रदेश के कृषकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लेने हेतु पृथक-पृथक कार्यालयों पर आवेदन/पंजीयन कराना पड़ता है, जिससे समय, संसाधन आदि का अपव्यय होता है। राज्य शासन द्वारा प्रक्रिया का सरलीकरण कर विभिन्न योजनाओं के लिए एक प्लेटफार्म पर कृषक पंजीयन हेतु सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एकीकृत किसान पोर्टल (https://kisan.cg.nic.in) विकसित किया गया है तथा कृषक के धारित भूमि एवं बोए गए फसलों के रकबा सत्यापन हेतु इसे भुंईया पोर्टल से लिंक किया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन, कोदो-कुटकी एवं रागी उपार्जन योजना को सम्मिलित किया गया है। भविष्य में आवश्यकतानुसार एकीकृत किसान पोर्टल से अन्य योजनाओं को भी जोड़ा जा सकता है।




एकीकृत किसान पोर्टल के संचालन संबंधी दिशा-निर्देश निम्नानुसार है:


1 कृषकों का आसान एवं सुगम पंजीयन। .

2 विभिन्न योजनाओं हेतु एक ही बार कृषक पंजीयन।

3 योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण में आसानी।

4 सटीक एवं त्वरित डाटा की प्राप्ति ।

5 वास्तविक हितग्राही को लाभान्वित करना एवं हितग्राहियो के दोहराव को रोकना।


पोर्टल में पंजीयन की पात्रता :


  • समस्त श्रेणी के भू-धारक एवं वन पट्टाधारी कृषक को पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी।
  • मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनांतर्गत वन पट्टा धारक, ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने उपलब्ध भूमि में वृक्षारोपण करते हैं, उन्हें पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी।


पोर्टल में पंजीयन की शर्तें:- 

  1. कृषक को राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन तथा कोदो, कुटकी एवं रागी उर्पाजन योजना का लाभ लेने हेतु इन योजनाओं के दिशा-निर्देश अनुसार पात्र कृषक को निर्धारित समयावधि में एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
  2. आवेदन स्वीकृत,अस्वीकृत होने की जानकारी कृषक को दी जाएगी। 
  3. पंजीयन उपरांत प्रत्येक कृषक को एक यूनिक आईडी दिया जाएगा। संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नंबरदार के नाम से अथवा समस्त खाता धारकों द्वारा नामित व्यक्ति के नाम से अथवा सभी खातेदारों की सहमति से हिस्सेदारी अनुसार अलग-अलग किया जा सकेगा। 
  4. इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाता धारकों की सहमति सह स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। संस्थागत / रेगहा / बटाईदार ,// लीज // डुबान क्षेत्र के कृषकों का पंजीयन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा निर्धारित प्रकिया के तहत्‌ किया जावेगा। इस हेतु पोर्टल में पृथक से लिंक दिया जाएगा। पोर्टल में खरीफ मौसम की कृषि फसल, उद्यानिकी फसल तथा वृक्षारोपण करने वाले कृषको का पंजीयन किया जाएगा ।
  5. खरीफ 2022 में धान उपार्जन हेतु पंजीकृत, विक्रय किये गये रकबा पर ही धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीयन किया जाएगा। 
  6. कुल धारित रकबे के अधीन बोये गये समस्त फसल हेतु कृषक को ग्रामवार आवेदन करना होगा।
  7.  कृषक को बोए गए फसल के रकबे -की जानकारी खसरावार देनी होगी । 
  8. यदि कृषक द्वारा कृषि भूमि का क्रय विक्रय किया जाता है तो गिरदावरी की अंतिम तिथि तक भूइया पोर्टल में प्रदर्शित कुल रकबा के अधीन संबंधित कृषक का पात्रता निर्धारित की जाएगी। 
  9. संबंधित मौसम में भुंइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े तथा कृषक के आवेदन में अंकित फसल व रकबे, में से न्यूनतम फसल व रकबे को विभिन्‍न योजनाओ हेतु मान्य की जाएगी। 
  10. पंजीकृत किसानों के डेटाबेस को आगामी वर्षों में उपयोग हेतु कैरी फरवर्ड किया जाएगा। 
  11. कृषक जो, गतवर्ष के पंजीकृत डेटा में संशोधन नहीं कराना चाहते उन्हें चालू वर्ष में पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। 
  12. किन्तु यदि पूर्व में पंजीकृत कृषक किसी कारण से पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर संशोधन करा सकते हैं| 
  13. धान उपार्जन योजना एवं बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत्‌ धान उपार्जन के दोहराव को रोकने के लिए पोर्टल तैयार किया जाएगा।


प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यकम में भाग लेने वाले कृषकों को छ.ग. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रुप से पंजीयन कराना होगा।


  • पोर्टल में पंजीयन हेतु कृषक को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रुप से देना होगा।
  • हितग्राही कृषकों से आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नहीं है, तो मैदानी अमलों के द्वारा ऐसे कृषको को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • आधार नंबरों की गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी । 
  • पोर्टल में डूप्लीकेसी को रोकने के लिए आधार नंबर को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से सत्यापन किया जायेगा तथा वास्तविक हितग्राही को ही लाभान्वित करने हेतु कृषकों के बैंक विवरण सत्यापन कराया जायेगा। 
  • कृषि फसल लगाने वाले कृषक के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
  • यदि कोई कृषक उद्यानिकी फसल / वृक्षारोपण करता है अथवा कृषि फसल के साथ उद्यानिकी अथवा वृक्षारोपण करता है तो ऐसे कृषकों के आवेदन का परीक्षण व सत्यापन ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी में से किसी एक द्वारा किया जाएगा | 
  • पोर्टल पर कृषक के आवेदन का ऑनलाइन सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी / ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी को अनिवार्य रुप से करना होगा, तत्पश्चात्‌ ही कृषक का पंजीयन संबंधित सहकारी समिति द्वारा किया जा सकेगा। 
  • फसल के रकबा निर्धारण हेतु भुंइया पोर्टल में संधारित भूमि /गिरदावरी के आंकड़ों को ही अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा। सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार, बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से संकलित की जाएगी । 
  • गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि /भिन्‍नता होने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रकिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी। 
  • पोर्टल में प्रदर्शित प्रकिया के अनुसार सर्व संबंधितों द्वारा सत्यापन,पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी। पंजीयन अवधि:- एकीकृत किसान पोर्टल पर कृषको के नवीन पंजीयन तथा पंजीकृत फसल /रकबे में संशोधन की कार्यवाही 31 अक्टूबर तक की जावेगी। 
  • कृषकों के व्यक्तिगत, आधार एवं बैंक विवरण में संशोधन तथा वारिसान पंजीयन की कार्यवाही निरंतर चालू रहेगी | 
  • कृषकों का पंजीयन:- नए कृषकों का पंजीयनः- खरीफ मौसम की समस्त कृषि, उद्यानिकी फसल तथा धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराना होगा। 
  • कृषक को एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज जैसे 
    1. ऋण पुस्तिका, 
    2. बी 1,पी 2,
    3. आधार नंबर, 
    4. बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ प्रपत्र- में आवेदन करना होगा। 
  • खरीफ वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विकय करने वाले कृषकों को धान फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। 
  • किन्तु ऐसे धान उत्पादक कृषक जो खरीफ वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विकय करने हेतु पंजीयन नहीं कराए थे, उन कृषकों को नवीन पंजीयन कराना होगा । 
  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ 2021 हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में आवेदन जमा कर चुके हैं एवं फसल रकबे में संशोधन नहीं कराना चाहते, उन्हें नवीन पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। 
  • किसान न्याय योजनांतर्गत पंजीकृत डेटा को इस पोर्टल में हस्तांतरित किया जाएगा। 
  • नवीन पंजीयन हेतु कृषक आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी /ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पास जमा कर पावती प्राप्त कर सकेगा। 
  • ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी / ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी द्वारा कृषक के आवेदन एवं आवश्यक दस्तावेज ऋण पुस्तिका, बी-4, आधार नबंर, पासबुक की छायाप्रति का परीक्षण एवं सत्यापन किया जावेगा। 
  • तत्पश्चात्‌ संबंधित अधिकारी द्वारा पोर्टल पर कृषक का संबंधित ग्राम का चयन कर सत्यापन किया जावेगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कृषक का आवेदन संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में कृषक से आवेदन प्राप्त करने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। 
  • कृषक के आवेदन अनुसार एकीकृत किसान पोर्टल पर सहकारी समिति द्वारा कृषक के पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी। पंजीकृत फसल /रकबे में संशोधन:- ऐसे कृषक जो पंजीकृत फसल /रकबे में संशोधन कराना चाहते हैं, उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका एवं बी-4 की छायाप्रति के साथ प्रपत्र-॥ में आवेदन करना होगा। 
  • कृषक को पूर्व पंजीकरण के दौरान प्राप्त यूनिक किसान पहचान संख्या का उल्लेख आवेदन में करना होगा। यह खरीफ वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विकय हेतु पंजीकृत कृषकों तथा खरीफ 2022 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु पंजीकृत कृषकों के लिए भी लागू होगा। 

कृषक के व्यक्तिगत विवरण में संशोधन:- 

  1. कृषक को व्यक्तिगत विवरण, आधार नं. एवं बैंक विवरण आदि में संशोधन कराना चाहता है, उन्हें प्रपत्र-॥ में संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति के साथ आवेदन संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पास जमा करना होगा और वह इसकी पावती प्राप्त कर सकेगा। 
  2. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषक के आवेदन एवं संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति का प्रारंभिक परीक्षण एवं सत्यापन मूल प्रति से करने के उपरांत पोर्टल पर कृषक का संबंधित ग्राम का चयन कर सत्यापन किया जावेगा।
  3.  ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कृषक का आवेदन संबंधित कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी में कृषक से आवेदन प्राप्त करने की तिथि से एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। 
  4. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा संबंधित दस्तावेज का परीक्षण एवं सत्यापन कर  किसान पोर्टल पर कृषक की जानकारी का अपडेट / संशोधन किया जावेगा। 
  5. वारिसान पंजीयन:- पंजीकृत कृषक के मृत्यु होने /वारिस घोषित करने /भूमि में विवाद होने की स्थिति में एवं संबंधित कृषक के भूमि की जानकारी भुइंया पोर्टल में अपडेट नहीं होने पर कृषक को वारिसान पंजीयन हेतु आवेदन करना होगा। 
  6. वारिसान पंजीयन हेतु कृषक निर्धारित प्रपत्र-॥७ में आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-4, आधार नंबर, शपथ पत्र इत्यादि संबंधित तहसील कार्यालय में जमा कर पावती प्राप्त कर सकेगा। 
  7. तहसीलदार द्वारा कृषक के आवेदन व आवश्यक दस्तावेज का परीक्षण एवं सत्यापन किया जावेगा। पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया अनुसार तहसीलदार द्वारा कृषक से आवेदन प्राप्त करने के 45 दिवस के भीतर एकीकृत किसान पोर्टल पर वारिसान का पंजीयन किया जावेगा। 
  8. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अतंर्गत पंजीयन:- वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अतंर्गत वन अधिकार पट्टाधारक, ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन समिति का पंजीयन हेतु विकसित पोर्टल को एकीकृत पोर्टल से लिंक किया गया है। 
  9. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनांतर्गत वन पट्टा धारक जो नये सिरे से अपने भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहतें हैं तथा ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने पास उपलब्ध राजस्व भूमि मे वृक्षारोपण करना चाहते हैं, उन्हें योजना प्रावधानुसार निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। 
  10. पात्र आवेदक को आवश्यक अभिलेख सहित निर्धारित प्रपत्र में आवेदन 30 नवम्बर तक संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में जमा करना होगा। 
  11. परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा दस्तावेज सत्यापन उपरांत पोर्टल में इंद्राज किया जायेगा। खरीफ वर्ष 2020-2 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विकय करने हेतु विकय किए गए रकबा पर धान के बदले वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को दिशा-निर्देश के अनुसार आवेदन करना होगा। 
  12. इस हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर होगी। 
  13. पर्यवेक्षण एवं निगरानी:- जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में कृषि, राजस्व, उद्यानिकी, वन, खाद्य, सहकारिता, !ग० एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को शामिल कर जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति का गठन किया जाएगा। 
  14. समिति का आदेश जिला कलेक्टर कार्यालय से जारी किया जाएगा। 
  15. समिति द्वारा किसानों के मध्य प्रचार-प्रसार तथा कर्मचारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ कृषक पंजीयन के समस्त गतिविधियों का प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा। साथ ही समिति द्वारा पोर्टल में कुल पंजीकृत कृषकों का 4.00 प्रतिशत यादृच्छिक आधार पर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। 

एकीकृत कृषक पोर्टल का उपयोग:- 

  1. एकीकृत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों की व्यक्तिगत जानकारी, भूमि का विवरण, बोए गये फसल, बैक विवरण, भुइंया पोर्टल से सत्यापित फसलवार रकबा इत्यादि विवरण संधारित होगा। 
  2. एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत डेटा को विभिन्‍न विभाग से संबंधित योजनाओं के पोर्टल में साझा किया जाएगा। 

योजनावार विवरण निम्नानुसार है:- 

  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत एवं भुईया से सत्यापन कृषकवार, फसलवार रकबा को राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा एवं तद्नुसार कृषकों को आदान सहायता राशि अंतरित की जाएगी। 
  • धान एवं मक्का उपार्जन:- एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत एवं भूईयां से सत्यापित कृषकवार, फसलवार रकबा क॑ डेटाबेस को धान एवं मक्का उपार्जन हेतु अधिकृत रुप से उपयोग किया जाएगा। इस हेतु एकीकृत किसान पोर्टल के डेटाबेस को धान उपार्जन पोर्टल में // के माध्यम से साझा किया जाएगा।
  • खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा धान एवं मक्का उपार्जन हेतु जारी दिशा-निर्देश अनुसार कृषकों से उर्पाजन की कार्यवाही की जावेगी। 
  • मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना:- एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत कृषकों के डेटाबेस के आधार पर वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के प्रावधान अनुसार सहायता राशि प्रदान किया जावेगा | 
  • कोदो, कुटकी तथा रागी उपार्जन एकीकृत किसान पोर्टल में कोदो, कुटकी तथा रागी फसल के लिये पंजीकृत एवं भूईयां से सत्यापित रकबा को कोदो, कुटकी तथा रागी उपार्जन हेतु छ.ग. लघु वनोपज सहकारी संघ से साझा किया जाएगा। 
  • लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो, कुटकी तथा रागी उर्पाजन हेतु जारी दिशा-निर्देश अनुसार कृषकों से उर्पाजन की कार्यवाही की जावेगी।

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विभागीय साईट 

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